कितने बदल गये यहॉ हालात देखिये
अब दोस्तों को दुष्मनों के साथ देखिये
कैंसे बनेंगे रिष्ते यहॉ प्यार के जनाब
लुटती है रोज प्यार की बारात देखिये
इल्जाम आ न जाये कही रहनुमाई पर
विगड़े अगर जो मुल्क के हालात देखिये
वीरान जिंदगी में मेरी कौन आ गया
दिल पर हुई है नूर की बरसात देखिये
एैसा नजर फरेब है महबूब-ए- ‘ब्रज’
ख्वाबों में हो गयी मुलाकात देखिये
• वेणी शंकर पटेल ‘ब्रज’
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