पैगाम अमन का जिधर होगा
साथ उनका अगर होगा
कितना हसीं सफर होगा
सरहद पर होगी खामोषी
महफूज अपना घर होगा
मिट जायेंगे गम के अंधेरे
चिरागों से रौषन षहर होगा
तरक्की करेंगे वो मुल्क जहाॅ में
पैगाम अमन का जिधर होगा
गर न रूकी जंग बारूद की
‘ब्रज’ नतीजा इसका सिफर होगा
• वेणी शंकर पटेल ‘ब्रज’
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