एक खुशी न मिली जिंदगी के लिये
दर्द इतना रहा आदमी के लिये
उनके घर में दिये जगमगाते रहे
हम तरसते रहे रौशनी के लिये
छल करते रहे हर कदम पर सभी
दिल ये कैंसे मिलेंगे दोस्ती के लिये
वक्त के साथ अपना सफर तय करो
वक्त रूकता नही हर किसी के लिये
सच लिखना नही है आसान ‘ब्रज’
हौसला चाहिये शायरी के लिये
• वेणी शंकर पटेल ‘ब्रज’
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