हर बारीश की बूंद हो तुम
उन बूंदो से बारीश हैं हम
सूरज की हर किरण हो तुम
किरणो से बना उजाला हैं हम
हर सागर का किनारा हो तुम
किनारे पे बसी बस्ती हैं हम
हमारी हर साँस हो तुम
उस सांस से ज़िंदा हैं हम
Vijay Patil
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हर बारीश की बूंद हो तुम
उन बूंदो से बारीश हैं हम
सूरज की हर किरण हो तुम
किरणो से बना उजाला हैं हम
हर सागर का किनारा हो तुम
किनारे पे बसी बस्ती हैं हम
हमारी हर साँस हो तुम
उस सांस से ज़िंदा हैं हम
Vijay Patil
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