ये जीवन एक समुंदर है दिन रात निरंतर बहता है !
हर लहर से कुछ तू सिख ले हर पल ये हमसे कहता है !!
तूफान तो आते जाते है तूफानों से हे डरना भी क्या,
लहरे तो स़फर की कड़ियां है लेहरो के बीना बहना भी क्या,
लेहरो से लिपट कर बहता जा लेहरो में मुकदर होता है!
ये जीवन एक समुंदर है दिन रात निरंतर बहता है !!
बालू से बने इन टीलों को हे राही तू पत्थर ना समझ ,
गहराई में हिरे मोती है हे राही तू कंकर ना समझ ,
टीलों को तो एक दिन ढेहना है सूख गहराई में होता है!
ये जीवन एक समुंदर है दिन रात निरंतर बहता है !!
चट्टानें भी अक्सर आती है इस जीवन नाम की राहो में,
चट्टानों को चड पाया है वही जो बाँटे प्रेम फिजओ में,
चट्टानें तो दुःख की जननी है सुख प्रेम फिजओ में होता है!
ये जीवन एक समुंदर है दिन रात निरंतर बहता है !!
सुख चाहने से भी नहीं मिलता दुःख बिन चाहे आजाता है
जीवन में जीत उसीकी है जो सुख क्या दुःख भी चाहता है
फिर दुःख आने से हे राही तू इतना क्यूँ घबराता है!
ये जीवन एक समुंदर है दिन रात निरंतर बहता है !!
ये जीवन एक समुंदर है दिन रात निरंतर बहेता है !
हर लहर से कुछ तू सिख ले हर पल ये हमसे कहता है !!
विनोद कुमार खबाऊ
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