बारिस की फूहार देखिये|
मौसम का खुमार देखिये||
बादल की अँजूरी से अमृत की,
फ़िजा मे बरसती बहार देखिये|
फूहार पाकर के महकी है धरती,
प्रकृति में अद्भूत निखार देखिये||
मिला है सुकूँ आज 'निर्भय'मुझे,
चँद बूँदें हथेली पे उतार देखिये|
~~~~~~~विनोद यादव "निर्भय"
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