Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अमृत की बूँदें

 

बारिस की फूहार देखिये|
मौसम का खुमार देखिये||

 

 

बादल की अँजूरी से अमृत की,
फ़िजा मे बरसती बहार देखिये|

 

 

फूहार पाकर के महकी है धरती,
प्रकृति में अद्भूत निखार देखिये||

 

 

मिला है सुकूँ आज 'निर्भय'मुझे,
चँद बूँदें हथेली पे उतार देखिये|

 

 

 

~~~~~~~विनोद यादव "निर्भय"

 

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