[प्रेमी]:- बफ़ाओं के बदले किया क्यूँ जफ़ा है|
बड़ी बेशरम तू बड़ी बेहया है||
तेरी मासूमियत का शिकार बन गया दिल ,
मुझे ना पता था कि तू बेवफ़ा है|
[प्रेमिका]:- बेशरम ना तू बुला,बेहया ना नाम दे|
मेरी बफ़ाओं पे यूँ ना इल्ज़ाम दे||
वक्त ने ग़र कर दिये है दो दिलों मे फाँसले,
दे कोई सजा मग़र बेवफ़ा ना नाम दे|
[प्रेमी]:- हम गये छोड़कर दो पल के लिए|
तुमने तन्हाँ किया उम्रभर के लिए||
कह रही हो किये वक्त ने फाँसले,
चाहते थे खुदा से भी ज्यादा तुम्हे|
[प्रेमिका]:- तुमसे बिछड़कर चैन पाऊँगी|
"निर्भय" हाल-ए-दिल कह नहीं पाऊँगी||
दिल मेरा मन्दिर तुम देवता हो मेरे,
फिर ग़ैर को देव कैसे बना पाऊँगी|
~~~~~~~ विनोद यादव "निर्भय"
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