दिल की जुबाँ से तेरा नाम लिया है|
तुम आ भी जाओ पैगाम दिया है||
दिल की ज़ुबाँ...........
तेरा दूर जाना तड़पा रहा है
जज्बात दिल को बहँका रहा है
गुम हूँ यूँ जैसे कोई ज़ाम पीया है
दिल की ज़ुबाँ.........
गुमसुम है दिन और बेचैन साँसें
डँसती है मुझको ख़ामोश रातें
तेरे प्यार का इल्ज़ाम लिया है
दिल की ज़ुबाँ...........
यूँ दूर क्यूँ हो,ज़रा पास आओ
ख़ुश्बु से तन,मन,जीवन महँकाओ
जीवन 'निर्भय' तेरे नाम किया है
दिल की ज़ुबा..........
-विनोद यादव "निर्भय"
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