Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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गर्दिश का सितारा

 

 

गर्दिश में सितारों को आज़माया नही जाता|
तुरफत पे समाँ इश्क के जलाया नहीं जाता|

 

 

दामन लहूँ में डूबकर ना लाल हो जाये,
नश्तर की तेज धार को सहलाया नहीं जाता||

 

 

बेशक बुझा दो जिन्दगी की लौ अंधेरों में,
जो आग है सीनें में बुझाया नहीं जाता|

 

 

बच के रहो दुनियाँ वालो ना खाक हो जाओ,
तिनकों से दहन काबू में लाया नहीं जाता||

 

 

दिल सोचता है तोड़ दूँ खामोंशियों के पल,
पर क्या करें जो राज है बताया नहीं जाता|

 

 

क्या-क्या मैं कर चूका हूँ तुम्हें याद है "विनोद"
हर बात पे यूँ शर्त लगाया नहीं जाता||

 

 

*दहन(आग)

 

 

 

~ विनोद यादव "निर्भय"

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