Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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आलमे इश्क ने हर रंग दिखलाया

 

आलमे इश्क ने हर रंग दिखलाया
कभी चॉकलेट तो कभी बला लाया

 

दिल मुझे उस की गली ले जाकर
और भी दीवाना यार बना लाया

 

मोहब्बत में पड़ के शीशे का दिल
टुकड़े टुकड़े अपने फिर करा लाया

 

हुस्न में मगरूर जानेमन तक से
मैं अपने रिश्ते को खूब निभा लाया

 

जाते है अब हम भी ऐ अहले जहाँ
कि फिर मिलेंगे कभी अग़र खुदा लाया...........विपुल

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