Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

बड़े बड़े महानगरों से दूर्....दिल वो कही और ही खोता है

 

बड़े बड़े महानगरों से दूर्....दिल वो कही और ही खोता है
बड़ा सुनते हैंकि एक शायर है...... जो कही जयपुर मे होता है

 

दिल्ली बम्बई के दबदबे के बीच,सरे बाज़ार एक है कोई
शायरी कि दुनिया में जिसका...,इज़हार भी जयपुर से होता है

 

न्यूयॉर्क कनाडा कैलिफोर्निया ..दिल्ली बंबई और भोपाल
शहर शहर फिर सुनते है.. कि फूट के कोई जयपुर में रोता है

 

दामन से किसी के भी, कभी छूटे है क्या इश्क के दाग
दीवाना दामन को रगड़ रगड़ कर,....यों इसी जयपुर में धोता है

 

ख्वाबों की दुनिया में रहता है,कि विपुल दीवाना कहता है
बंजर इस शहर के अन्दर, इन ख्वाबों को भी जयपुर में बोता है.......................विपुल

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ