बिक रहे है दिल यहाँ.......इश्तेहार के साथ
जेब पर है असली नजर,हर दीदार के साथ
आइए बात कीजिये....पर पहले ये बताइये
फीस जमा करा दी ना,हर इक़रार के साथ
दिलो के रिश्ते तो बने हुए थे जन्मो से
बस जरा से ढल गए यहाँ बाज़ार के साथ
सपनो को लेके देखते हो शादी की साइट
और लड़ाई भी करते हो खरीदार के साथ
ऐसे कैसे बच जाओगे तुम बिना पैसे दिए
कदम कदम पे है पहरा दरोंदीवार के साथ
आइए मुफ्त आइए आप ही तो बाज़ार है
यकीं हमे जरा भी नही ऐतबार की साथ.............विपुल त्रिपाठी
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY