चिन्ता इश्क़ करने वालों की.....मुझे बेवजह नही है
इनके लिए किसी भी मजहब में कोई जगह नही है
ना इन्हे कोई हवन कराके हिन्दू बनाने को तैय्यार
कलमा पढ़ा के भी मुसलमानों इनकी जगह नही है
कि चुनवा देते है आशिकों को यहाँ दीवार के साथ
इनके वोटों की भी किसी दल को....जरूरत नही है
.....विपुल त्रिपाठी
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