Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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देते जाते हैं हम ये....... पयाम जाते जाते

 

देते जाते हैं हम ये....... पयाम जाते जाते
कि याद रखेंगे आपका....सलाम जाते जाते

 

हम अपनी मजबूरी जरा भी ना बता पाये
लगा यूँ बेवफाई का... इल्ज़ाम जाते जाते

 

वो एक फसाना जिसका ना ओर है ना छोर
हुए उसमे तबियत से बदनाम जाते जाते

 

आशिक दीवाना पगला उफ मजनूँ आवारा
अपने संग ले चले कितने नाम जाते जाते

 

कोई हकीम कोई भी दवा काम ना आई
धरे रह गए सारे............ इंतेज़ाम जाते जाते....................विपुल

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