Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

दोस्तों से हम बस....यही फरियाद करते है

 

दोस्तों से हम बस....यही फरियाद करते है
ना मिलें ग़र तो भी..आप को याद करते है

 

 

पुल अगर टूट भी जाएँ...तो फिर से बनाते रहना
ज़िन्दगी का हिस्सा है...हम तक आते जाते रहना

 

 

सफलता और असफलता....दोनों ही अंधा करती है
दोस्तों बुरे बन जाना....मगर आइना दिखाते रहना

 

 

माना दुनिया में हस्ती.....सबकी खाक हो के रहेगी
लेकिन दोस्तियां चलेगी हमेशा.....इसे चलाते रहना........विपुल त्रिपाठी

 

Powered by Froala Editor

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ