Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इक बार हंस के देखो........एक बार मुस्कुरा दो

 

इक बार हंस के देखो........एक बार मुस्कुरा दो
वादा वफ़ा का था जो,कि वो आज तुम निभा दो

 

मेरी हर राह् में तुम हो,मेरी हर चाह में तुम हो
ज़मी से लेके आस्माँ तक,मेरी निगाह में तुम हो
जरा सामने आ जाओ.......मेरी ज़िंदगी बना दो
वादा वफ़ा का था जो,कि वो आज तुम निभा दो
इक बार हंस के देखो........एक बार मुस्कुरा दो

 

मैंने बड़ी शिद्दत से तुमको चाहा,मेरा जहाँ बना कर
कि मै खुश हूँ ज़मीन बन कर,तुम्हे आस्माँ बना कर
मेरे दिल में बस जाओ मेरा जहाँ बना दो
इक बार हंस के देखो........एक बार मुस्कुरा दो
वादा वफ़ा का था जो,कि वो आज तुम निभा दो................विपुल

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