Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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इरादा सफर का..पक्का नही लगता

 

इरादा सफर का..पक्का नही लगता
गाड़ी में जबतक धक्का नही लगता

 

बिना मेहनत के होते नही करिश्मे
निशानो पे यूँ ही तुक्का नही लगता

 

तुम्हारे बिन भी चल रही है ज़िंदगी
हाँ मगर कुछभी अच्छा नही लगता

 

जरूरत से ज्यादा तारीफ हो जिसकी
अफसाना उसका सच्चा नही लगता

 

ज़िंदगी की अपनी रफ्तार होती है
के इसमे चौका छ्क्का नही लगता

 

मल्टी प्लेक्स में हम बदल जाते है
पोप्कोर्न हमको मक्का नही लगता

 

 

Vipul Tripathi

 

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