Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कैसा मिला है तू, ये बता मुझे

 

कैसा मिला है तू, ये बता मुझे
तुझे अपने संग कहूँ, या जुदा कहू

 

जिस राह् में जाऊ, तू ही तू है
फिर दोस्त क्यू ना, तुझे खुदा कहू

 

सपना है तो क्या..., हसीन तो है
भला नीद को क्यो अलविदा कहू

 

आँखों में जब, हो जाती है बात
भला फिर क्यों उसे, मै हूँ फिदा कहू ........विपुल

 

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