के सोच समझ भी लीजिये अह्सानो के पीछॆ
जाने क्या मन्शा निकले... मेहरबानो के पीछे
सारा ज़माना देता है आशिकों को नसीहते
कौन देखता है अपने गिरेबानो के पीछे
दिल खोल के जरा इन लोगो से मिल के देखिए
हो सकता है मिले अपने अनजानो के पीछे
तिनका तिनका चोंच से बीन के लाता है कोई
ये राज छिपा होता है आशियानो के पीछे
कुछ मजबूरी ने बुलवाया और कुछ वकीलों ने
ये हक़ीक़त मुंसिफ को दिए बयानों के पीछे
शादी की दावतो में कभी ये सोच के देखिये
कि भूखा बच्चा सोता है शामियानो के पीछे
मेरे कहानी में धब्बों को ठीक से देखिये
बहुत हसीन चेहरा है इन निशानों के पीछे
सोच समझ के लीजिए उनसे दर्दे दिल की दवा
खूने जिगर ना मकसद हो अह्सानो के पीछे
गूंजेगी कयामत तक शेरो शायरी की सदा
हमेशा रहेंगे शायर यहाँ ज़मानो के पीछे
ग़ालिब मीर कबीर बशीर और फिर निदा फराज़
विपुल यहाँ आसमान है आसमानो के पीछे ..................विपुल
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