Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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खयालो में तू ना हो.....तो शेर अच्छा नही होता

 

खयालो में तू ना हो.....तो शेर अच्छा नही होता
झूठ खूबसूरत तो होता है पर...सच्चा नही होता

 

क्या कहूँ मेरी मजबूरियाँ का तुझे इल्म ही नही
वरना मेरा अफसाना तेरे लिए गच्चा नही होता

 

एक उम्र के बाद उन्हें भी...इज़्ज़त देना सीखिये
एक उम्र के बाद बच्चा फिर....बच्चा नही होता

 

रिश्ता टूट गया तो टूट गया....ये बवाल क्यो है
साथ वही रहता है जो रिश्ता...कच्चा नही होता

 

किसी के पास जाने से....अगर वो दूर् हो जाए
तो उसके पास जाना ऐ दिल...अच्छा नही होता

 

कि आप के दीदार ना हो तो बाकी सब ठीक है
बस हमारी आँखों के लिए.....अच्छा नही होता

 

 

विपुल त्रिपाठी

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