कि हम लुटाते है और वो हिफाज़त करते है
रखके तिजोरी में दिल को तिजारत करते है
पूछते है कि भला कैसे जुदा है मेरा इश्क़
क्यो बताये हम इश्क नही इबादत करते है
सब कहते है की करते हो घाटे का सौदा
सब क्या जाने के हम तो मोहब्बत करते हैं
जब सताते है वो हमे तो ले लेते हैं जान
पर जान से जाए.... नही ये इजाज़त करते हैं.
इश्क में फितरत है अपनी भी बड़ी ही अजीब
सहते रहते है फिर इकदम बगावत करते है
हम भी रोज़ तो करते नही इश्क का इज़हार
लेकिन जब करते है...तो कयामत करते है [valentine day पर].................विपुल [©VT]
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