Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कि तुम मुझको भुला देना इक हादसा समझ के

 

कि तुम मुझको भुला देना इक हादसा समझ के
पोछ लेना आंखे....सूखते ज़ख्मो निशा समझ के

 

मै रखूंगा तेरी यादो को हमेशा अपना समझ के
तुम मेरी हस्ती से मुकर जाना सपना समझ के

 

लोग जिक्र करेंगे जरूर तेरा..कि ताना समझ के
मै मुस्कुरा के सुनूगा निशानी ए जाना समझ के

 

जब टूट के रोई थी तुम मुझे......बेवफा समझ के
क्या बताऊ ख़ुद को समझाया क्या क्या समझ के

 

कि तुम मुझको भुला देना इक हादसा समझ के
पोछ लेना आंखे....सूखते ज़ख्मो निशा समझ के......विपुल त्रिपाठी

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