लोग ज़ख्म नया देंगे
और क्या...भला देंगे
दुश्मनी याद रख
दोस्ती ....भुला देंगे
माँगी ज़िन्दगी तो
मौत की...सज़ा देंगे
नकामयबी पे अपनी
जिक्र तेरा मेरा देंगे
हम जानते है हमे
क्या ये तजुर्बा देंगे
नाउम्मीदी में भी हम
शम्माए चंद जला देंगे
हम नाकाम सही
उजाले चंद फैला देंगे..........
Vipul Tripathi
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY