Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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मैंने जो पूछा क्यों तोड़ा,ये दिल मेरा ऐसे ही

 

मैंने जो पूछा क्यों तोड़ा,ये दिल मेरा ऐसे ही
देखिये क्या बोलते हैं,बोलते हैं कि बस वैसे ही

 

तेरे बिना ऐसे काटी, मैंने ये तन्हाई की रात
के करवट बदलते वक्त गुजारा, मैंने जैसे तैसे ही

 

कि जाने इस महफिल में उसको, मुझसे क्या है दुश्मनी
जो मुँह फेर के चल दिए,मैंने किया सलाम जैसे ही

 

इश्क की हर बाज़ी में, कि उल्टा निकला सब दाँव मेरा
मंहगा साबित हुआ सौदा,पड़ गए सब कम पैसे ही

 

देखिये कैसे कैसे उस हसीन ने तोड़ा मेरा दिल
हाये कुछ तो ऐसे ही,आय-हाये कुछ तो वैसे ही.............

 

 

Vipul Tripathi

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