पल भर को नजर नजर में जब कोई पिलाये जाम
वो भी ऐसा की रहे तबीयत पे खुमार....सुबहो-शाम
इतनी तड़प हो तो बताइये....प्यार होना चाहिये कि नही होना चाहिये
भाइयो बहनों इश्क का इज़हार.......होना चाहिये कि नही होना चाहिये
देश की सेना जब छीन के वापस ले आए कारगिल
और राहत कर के उत्तराखंड में जीत ले सबका दिल
तो बताइये ऐसी सेना पे हमे निसार होना चाहिये कि नही होना चाहिये
भाइयो बहनों हमे हिदुस्तान का यार होना चाहिये कि नही होना चाहिये
इसरो बना ले चंद्रयान और सफल हो जाए मंगल यान
आँख भर आए सफलता पे...बढ़ जाए देश भर की शान
तब याद करके बापू का प्यार...हमे रोना चाहिये कि नही रोना चाहिये
भाइयो बहनों हमारे दिल पे खुमार होना चाहिये कि नही होना चाहिये.........विपुल त्रिपाठी
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