सुना है कि जमाने उसे.......ठहर के देखते हैं
ऐसा है,तो आज उसकी बात कर के देखते है
सुना उनकी खुशबू से महकती है फिज़ाए
जब वो अपनी ज़ुल्फें यूँ लहरा कर के देखते है
सुना है सियासतदारो में भी चर्चे है
सुना वो भी उसे शहर में पहरा कर के देखते है
सुना हीरे-मोती भी किस्मत पे इतराते है
जब वो उनको अपने गले लगा कर के देखते हैं
हिरण भी उनकी हसीन आंखों से जलते है
सो वो भी उनको उछल के,दश्त भर के देखते है
फूलों की जगह उनके होंठों के चर्चे है
इसका इल्ज़ाम बहारो पे धर के देखते हैं
दिन में भी तितलिया उसे सताती रहती हैं
और रात भर जुगनू उजाले कर कर के देखते हैं
सुना है कि उनके बदन के तराश ऐसे है
फूल भी उन्हें हाये अल्लाह कह करके देखते हैं
अब क्या बताये कि किस किस की हसरत है वो
जो सीधे सादे है,वो भी बन संवर के देखते है
ऐसी खंजर की तरह हैं उनकी वो निगाहें
हम रोजाना उसे दिल में घोंप करके देखते है
वो महफिलो को लूटने के लिए आता है
बाकी सब हसीन उसे इक आह भरके देखते है
कि ऐसी हसीन है उनकी नजर की शुआए
सब सुरमा फरोश उसे हाय जल करके देखते है
सुना है जन्नत के सामने है उसकी खिड़की
कि रहवाल उधर के भी नज़ारे इधर के देखते है
सुना उसको भी है शेरो शायरी का शौक
चलो कि हम भी करिश्मे अपने हुनर के देखते है
रात में छत पे जो वो कभी कभी आता है
तो चाँद सितारे भी सब उसे उतर के देखते हैं
की किसका नसीब जो बिना कपड़ों के देखे
हाँ कभी कभार कि दीवारों दर घर के देखते है
वो चलता भी है तो कयामत आ जाती है
कि ठुमक ठुमक सब नीचे,पतली कमर के देखते हैं
कि बात करता है वो,तो खिल जाते हैं फूल
उससे बात करते हैं,आज खिल कर के देखते हैं
कि उसकी नाराजगी की भी फिक्र है सबको
जो आँख दिखा दे तो फिर सब डर डर के देखते हैं
जब से पता लगा है कि वो बड़ा रहम दिल है
तब से लोग उसके सामने, मर मर के देखते हैं
अगर कि वो खयाल है तो ताबीर करते है
मगर हक़ीक़त है तो फिर उजागर कर के देखते है
हाये की जब वो तुमसे बिछड़ ही गया विपुल
आगे बढ़ते है और सितारे सफर के देखते हैं...............विपुल
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