देवर्षि नारद पत्रकारिता के पितृ पुरूष हैं उनके प्रति अनेक
भ्रांतियां हैं उन भ्रांतियों को मन से निकाल देना चाहिये. वे उस युग के
आदर्श संवाद संवाहक थे. उन्होनें लोक-कल्याण को दृष्टिगत रखते हुये कार्य
किया है जो आज की वर्तमान पत्रकारिता के लिये भीप्रसांगिक है. उनका
चरित्र वर्तमान पत्रकारिता के लिये आदर्श है. आज के युग में देवर्षि नारद
का आदर्श महत्वपूर्ण हो गया है. देवर्षि नारद ने पत्रकारिता के जो गुण
मौजूद थे वे वर्तमान में पत्रकारों में भी होना चाहिये नारद में
वाकचातुर्य
सच कहने की मधुरकला और सच को निकालने की जादुई क्षमता थी. नारद भक्ति सूक्त का
पाठक्रमों में समावेश हो यह भी प्रयास पत्रकारिता के आदर्श मापदंड
स्थापित करने में सहायक सिद्ध होंगे यह बात आज जिला मुख्यालय के सरस्वती
उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भैरोगंज में आयोजित नारद जयंति समारोह के दौरान
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार एवं इंटरनेशनल सेंटर फॉर स्टडी
नागपुर के अध्यक्ष विराग पाचपोर द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों
को संबोधित करते हुये कही गयी उन्होनें अपने संबोधन के दौरान यह भी कहा
कि आज बहुत बड़ा आरोप इस बात का लगता है कि पत्रकारिता दिशाहीन हो गयी
है. बिकाउ हो गयी है. यह एक दम गलत है यदि ऐसा होता तो आज जो बड़े बड़े
घोटाले उजागर हो रहें है वे नही हो पाते. अन्ना हजारे जैसे सामाजिक
आंदोलन चलाने वाले व्यक्ति की आवाज राष्ट्र की आवाज नही बन पाती आज भी
पत्रकारिता और पत्रकारों पर ही दिशाहीन होते समाज पर अंकुश लगाने की
महत्ती जिम्मेदारी है। समाज का बहुत बड़ा विश्वास पत्रकारों पर है और
उसकी विश्वसनीयता बनाये रखने की जिम्मेदारी पत्रकारों को निभाना चाहिये
उन्होंने कहा कि विचार शक्ति सभी की समान नहीं होती मतभेद अनेक विचारों
पर हो सकते है परंतु मनभेद नहीं होना चाहिये उन्होंने वर्तमान परिवेश में
आतंकवाद के धर्म आधारित आतंकवाद की संज्ञा देने का प्रतिकार करते हुये
कहा कि न तो आतंकवाद हिन्दु आतंकवाद होता है और न ही मुस्लिम आंतकवाद
होता है । आतंकवाद केवल आतंकवाद होता है उसके मूल में जाकर कारण खोजने की
आवश्यकता है सच को समझकर औरों को समझाना पत्रकार का पत्रकारिता धर्म है,
हर कार्य की समय के साथ प्राथमिकताएं बदल जाती है कभी पत्रकारिता आजादी
के लिये मिशन थी आज पत्रकारिता स्वच्छ समाज के निर्माण की आवश्यकता है
उन्होंने कहा कि दुनिया से कम्न्यूनिस्टों का सफाया हो रहा है पूंजिवादी
व्यवस्था धराशाही हो गई परंतु आज भी विश्व पटल पर भारतीय जीवन पद्धति सतत
जीवंत है और इसके प्रति सभी जीवन पद्धतियों का आकर्षण बढ़ रहा है ।
पत्रकारिता राजनीति पर केंद्रीत होकर न रहे इसको यदि समाजनीति की दिशा
में केंद्रित कर लिया जाये तो परिवर्तन विश्व पटल पर दिखाई देने लगेंगे
नारद जी इसलिये भी हमारे आदर्श कि वे दूरदृष्टा भी थे उसी दूरदृष्टि का
अनुसरण करते हुये यदि पत्रकार की कलम लिखने लगे ेेेेतो तेजी से वैचारिक
परिवर्तन कि बयार चल पड़ेगी । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्रीमती मंजूला
कौशल दैनिक संवाद कुज की प्रधान संपादक ने पत्रकारिता के नाम पर जल्दबाजी
में समाचार दिखाने का जो प्रचलन बढ़ रहा उसके प्रति चिंता जाहिर की
कार्यक्रम की अध्यक्षता नई दुनिया के जिला प्रतिनिधि श्री आर के
विश्वकर्मा ने देवर्षि नारद को वर्तमान पत्रकारिता के लिये आदर्श निरूपित
किया । कार्यक्रम आयोजन को उन्होंने बेहतर परंपरा की शुरूआत बताते हुये
आयोजन की प्रशंसा की कार्यक्रम की रूपरेखा विश्व संवाद केंद्र के प्रांत
प्रमुख डॉ सुरेन्द्र जी ने रखते हुये कहा कि देवर्षि नारद जयंति का आयोजन
पत्रकारिता के उत्कृष्ट मापदण्ड स्थापित करने के उद्देश्य से विश्व संवाद
केंद्र द्वारा किया जाता है विश्व संवाद केंद्र पत्रकारिता के क्षेत्र
में कार्य करने वालों को सम्मानित भी किया जाता है पत्रकारिता के क्षेत्र
में पवित्रता बनी रहे इस दृष्टि से यह आयोजन प्रति वर्ष किये जाते है
पत्रकारों को आधुनिक तकनीकि से परिचित कराने के लिये कार्यशालाओं का
आयोजन भी विश्व संवाद केंद्र करता है कार्यक्रम में लगभग 80 व्यक्तियों
की उपस्थिति रही जिसमें तीन जिलों की सहभागिता रही आठ अखबारों के संपादक
प्रिंट मीडिया के 33 पत्रकार, 2 छायाकार, 7 ब्यूरो चीफ, 2 इलेक्ट्रानिक
मीडिया के बंधु 12 मातृशक्ति एवं 11 अन्य व्यक्ति इस जयंति समारोह में
शामिल हुये । कार्यक्रम में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष अशोक तेकाम,
सरस्वती शिशु मंदिर के व्यवस्थापक श्री कृष्णा जी साहू, राष्ट्रीय स्वयं
सेवक संघ के पदाधिकारी जी पी मिश्रा, अनंदी पटले की उपस्थिति उल्लेखनीय
रही कार्यक्रम में प्रचार टोली के प्रमुख राजेन्द्र जी छिंदवाड़ा, राजेश
उपाध्याय, राजेन्द्र जी का सहयोग सराहनीय रहा कार्यक्रम का संचालन मनुचंद
सोनी द्वारा किया गया कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन मनोज मर्दन
त्रिवेदी द्वारा किया गया
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