==०==
जगमग करता दीप
बूंद के नीचे सीप
सीप में लहराता सागर
जैसे नटवर नागर
नागर और हम
प्रकाश व तम
तम मांगे प्रकाश
तंत्र से जन आस
आस लिये वादा
कृष्ण और राधा
राधा चाहे श्याम
सीता मांगे राम
राम हमारा जीवन
जीवन सुंदर मन
मन मस्त राजन
सावन सा पावन
पावन सी ममता
जोगी जैसे रमता
रमता जब जोगी
मुक्त होता योगी
योगी जीवन योग
सहज सरल तू भोग
दीपो का यह पर्व
आपके और परिवार के लिए
सुख,शांति व सम्मृद्धि लेकर आए
आप सपरिवार स्वस्थ, यशस्वी और दीर्घायु हों
शुभकामनाओं का यह नन्हा सा दीप
आपके प्रगतिमय जीवन पथ पर
विजय और सफलता का प्रकाश फैलाए
इन्हीं पावन भावनाओं के साथ
आपके गृह्मंदिर की देहरी पर
एक दीप मेरी मंगलकामनाओं का भी
विशाल शुक्ल ऊँ
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY