यार २०१६ जब तुम आना
वर्षों से दीन दुखियों को पहले मनाना
कुछ ऐसे भी तो लोग होंगे
जो बीते वर्षों से सहमे होंगे
तुम उनको ह्रदय से लगाना
हार मानकर बैठे होंगे जो लोग
उनको जीत का ताज पहनाना
यार २०१६ जब तुम आना
निर्भया से क्षमा मांगकर
ये विश्वास जरूर दिलाना
अब देश में नही घटेगा
दरिंदगी का काला इतिहास
उसकी पीठ थपथपाकर गर्व से
चरणों में अपना शीश झुकाना
यार २०१६ जब तुम आना
भूखों गरीबों के लिए भी कुछ लाना
नही ला सको कुछ तो कम से कम
दो वक्त की रोटी कुछ कपड़े
और मकान तो लेते ही आना
उनके आंसू पोंछकर खुशी से
हाँथ फेरकर प्यार से गले लगाना
यार २०१६ जब तुम आना
धर्म के ठेकेदारों को ये समझाना
मजहब के नाम पर नही उठेगी लाशें
राम अल्लाह ईसा नानक को बताना
मिल जुलकर रहेंगे हम सब देश में
सर्वधर्म पुष्पों की वाटिका
सिर्फ हमारे भारत में दिखाना
विशाल शुक्ल ऊँ
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