आज मनाले जाता साल
कल मनाना आता साल !!
जेब भले तेरी खाली हो
पीकर हो जा मालामाल !!
पानी मोफत ,बिजली फ़ोकट
नया है दिल्ली का जाल !!
और क्या चाहेगा फ़ोकट ?
मुफ्त बना जी का जंजाल !!
राम नाम की देख लूट है
तू कब सुधरेगा कंगाल ?
न ये सुधरा न वो सुधरा
सब की देख मोटी है खाल !!
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विश्वनाथ शिरढोणकर
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