बोल सेंटा क्या देगा
दिल्ली को इस क्रिसमस !
सियासत के जलजले से
सबको आजाद करादे !
बिजली पानी भले न मुफ्त दे
तसल्ली का लिबास देदे !
मोहब्बत का निजाम देदे
इश्क का हाकिम दिला दे !
फ़िजा में दोस्ती की महक घोल दे
मनहूसियत को दूर भगादे !
बन्दे आवारा , खुदा हो गए हैं
उनको उनकी औकात बतादे !
हिंदोस्ता की धड़कन हैं
दिल्ली को ये एहसास करा दें !!!!
-------------------------
विश्वनाथ शिरढोणकर
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY