बसंत में पतझड़ का मौसम है
अब कूदने फांदने का मौसम हैं !!
राह में कोई टोल टेक्स नहीं है
उस पार भी जाने का मौसम है !!
आयाराम गयाराम की बहार है
भगदड़ से बचने का मौसम है !!
तू तू मै मै का ये रसीला स्वाद है
सुबह शाम बदलने का मौसम है !!
कल तक तू इधर था वो उधर
अब पाला बदलने का मौसम है !!
वो वादे बेचता है ये सपने बेचता है
अब दुकान बदलने का मौसम है !!
नही लगता ये तेरा है न वो मेरा
सूरते हाल बदलने का मौसम है !!
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विश्वनाथ शिरढोणकर
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