-प्रसिद्धि और चर्चा के लिए
नए नये विवादों का शौक पुराना
अचानक एक दिन उनका बयान आया
अखबारों की सुर्खियों में
और न्यूज चेनलो के परदों पर छाया
उनका अपना शोध था
सूरज तो पशिचम से ही उगता आया
पुरे देश में बवाल मच गया
साधू था वो शैतान हो गया
सम्पादकीय लिखे गए
अखबारों के पन्ने भर गए
मिडिया ने लपक लिया
खूब छिड़ी बहस खूब हुआ मंथन
बड़े बड़े नेता चिल्लाने लगे
बहती गंगा में हाथ धोने लगे
तोड़फोड़ होने लगी
भृकुटिया तनने लगी
देखते ही देखते टी आर पी बढ़ने लगी !!
जागी आस नोकरियों की
मंत्री बोले संसद में
नोकरिया बढेंगी आने वाले दिनों में
सूरज को घुमाने में करोड़ो का बजट लगेगा
जनता अगर कर नही देगी
तो सूरज को कौन घुमायेगा
संसद में बहस छिड़ी
विरोधियो ने कहा
सत्ता पक्ष का भ्रष्टाचार है
मंत्री ने बयांन दिया
सूरज को आंतकवाद से खतरा है
पर सरकार सतर्क है
स्थिति पर नियंत्रण है !!
बेघर साम्यवादियो ने कहां
इसमे अमेरिका का षड़यंत्र है !!
अन्ना ने कहा ,
सूरज की किरणे
चाँद की किरणों में मिलाना
सरकारी भ्रष्टाचार है
सूरज चाँद तारे और ब्रह्मांड
लोकपाल के दायरे में हो
यही हमारा विचार है
अन्ना बाबा साथ रहे
यह समय की दरकार है !!
बहनजी बोली ,
पहले पता करनी होगी
चाँद सूरज की जात
तभी मनुवादियों पर
किया जा सकेगा आघात !!
ऐसे में अचानक
उनका फिर बयान आया
पिछले दिनों उन्होंने जो कहा था
उसे मिडिया ने तोड़ मरोड़ दिया
उनका कहना था
सूरज पश्चिम से उगता तो क्या होता ?
मीडिया ने टी आर पी के लिए
" तो क्या होता " हटा दिया
अब पुरे देश ने दिखा दिया
सूरज पश्चिम से उगता तो क्या होता ?
सूरज को रुलाती जात
और चन्द्रमा सहता आघात !!!!
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विश्वनाथ शिरढोणकर
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