गंगा जी के घाट पर भई संतन की भीड़
गंगा जी की आँख से पल पल टपके नीर !!
गंगा आए गंगादास जमना से जमनादास
लट्ठम लट्ठ दोऊ करे ,कौन बने है खास ?
साबरमती के संत तुन क्यों किया कमाल ?
आँखे तरेरे सब पर और बिगड़ गए सब लाल !!
महादेवप्रसाद चोरी करे शंकरप्रसाद गए जेल
गंगासिंह डाकू बने,सबके बाये हाथ का खेल !!
गंगा जमुनी तहजीब के हैं वे झंडाबरदार
लाठी ले कर पिल पड़े रहे सबको ललकार !!
कबीरा रोये बीच बाजार देख सड़क पर खून
सब कहते इसे यहाँ जम्हूरियत का मजमून !!
वें आते उड़न खटोले से तुरंत प्रभु से मिलते
भूखा प्यासा भक्त करे इंतजार मरते मरते !!
हरी लुंगी पहन कर गंगा में डुबकी लगाय
मंदिर मस्जिद जाकर पाप कहाँ धुल पाय !!
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विश्वनाथ शिरढोणकर
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