Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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कुछ है ?

 

अगर कुछ है ,
तो किसी राजमहल से कम नही !!


होकर भी कुछ नही है
तो किसी खंडहर से कम नही !!


सम्हाले से न सम्हले अगर कभी
तो ये किसी नासूर से कम नही !!


दोस्ती और मोहब्बत हो
तो ये किसी खुदा से कम नही !!


और आजाएं अपनी पे
तो ये किसी दुश्मन से कम नही !!


मिल जाय अगर दिल कभी
तो किसी खुबसुरत मोड से कम नही !!


यहा तू क्या और तेरा वजूद क्या ?
इस बाजार में कोई किसी से कम नही !!


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विश्वनाथ शिरढोणकर

 

 

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