है उनकी शानो शौकत एक तमाशा
और अंदाजे फकीरी भी एक तमाशा !!
मुफलिसों के झोपड़े में दावत का तमाशा
उम्मीदों की रोशनी में अँधेरे का तमाशा !!
बने नहीं कभी किसी के भी हमसफ़र
दो कदम नगों के साथ सफ़र का तमाशा !!
कहते हैं सबकी ,वें तकदीर बदल डालेंगे
उनकी राह पे चल मुल्क़ बना एक तमाशा !!
अल्लाह रहम कर , कहते है सादगी से रहेंगे
सादगी के महंगे इंतजामात का तमाशा !!
देख ,उनका हर राज है सियासत का तमाशा
जब भी खुलता मुल्क बन जाता एक तमाशा !!
चर्चे के लिए रखते है हरदम जमीं पे पैर
भीड़ में खोने की उनकी सनक एक तमाशा !!
भेड़ बकरियों का नहीं यकीं इन तमाशों पे
हैरत से देखती हैं तमाशे के लिए तमाशा !!
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विश्वनाथ शिरढोणकर
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