Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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पलके मूँद कर

 

पलके मूँद कर न दिखने का ढोंग कीजिये
कुछ देर अँधेरे में रहिये , उजाला दूर होगा

 

राहू से झगडिए , केतु से दो दो हात कीजिए
जन्मकुंडली के ग्रहों में ये साहस कहा होगा ?

 

सभी शीशे चटके हुए , अब सारे चेहरे बस टुकडे
क्या करेगा आइना , जब चेहरा ही कुरूप होगा ?

 

वो मेरी ओर देख रही थी मै उसकी तरफ देख रहा था
मेरा देखना गुन्हा हो जाय भला ऐसा कानून कहा होगा ?

 

अंतरमन के पत्थर पीठ पर बांधकर सिर्फ भागमभाग
पावों की रेखाओं का भला तकदीर से क्या सम्बन्ध होगा ?

 

 

 

विश्वनाथ शिरढोणकर

 

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