Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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बनकर तू कोई पैगम्बर आ !

 

ऐ खुदा !
तू तो निहायत इंसाफ पसंद है .
पूछता हूं मैं
पड़ोसी के घर में घुस जाना चोरी से
तेरे बेगुनाह बंदो पर
तेरे नाम पर गोली बरसाना बेवजह
और खुद को पाक कहना
अपने जाहिल कर्मो को जिहाद कहना
ये कैसा इंसाफ है !

 

 

अल्लाह के नाम पर
दुनियां भर से बटोरना बम बंदूक और फैलाना आतंक
वह भी एक नेक और अमन पसंद पड़ोसी के घर
और दुनिया भर में
यह सब तुझे बहुत नागवार गुजरता होगा , ऐ खुदा !
दोजख दे उन्हें
अपना कुफ्र बरसा
ऐसे पागल हुक्मरानो पर
जो अपने सैनिको को और
अपने लोगो को अपना मानने से इंकार कर देते हैं .
जो शरीफो के नाम पर धब्बा हैं .
दूसरो के घर नाजायज कब्जा करने की साजिश करने वाले
ऐसे धूर्त कमीनो को माफ मत करना ऐ खुदा
क्योकि वे जानते हैं कि वे क्या कर रहे हैं .
पर फिर भी किये जा रहे हैं .
इनका इंसाफ करने को गर रुकेगा तू
इन्हें कब्र से खोदकर निकालने ,
कयामत तक
तो बहुत देर हो जायेगी
बच्चो को , और औरतों तक को
सरे आम भून रहे हैं ये बंदूक की गोलियो से
खून कर रहे हैं ये तेरे उसूलो
रहमत , इंसानियत और मासूमियत का
नापाक बमो से उड़ा देने की साजिश रच रहे हैं ये
तेरी बनाई सुंदर दुनिया को .
इसलिये तू आ ऐ खुदा !
बनकर कोई पैगम्बर आ
आज अभी अब गिनगिनकर
इन आतंकियो को इनके दुष्कर्मो की सजा दे
ऐ खुदा !

 

 

 

विवेक रंजन श्रीवास्तव

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