Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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विवेक ''स्वतंत्र'' गाडरवारा

 
  • ये दुनिया आज सारी प्रेम रंग मे भीग जायेगी !
    तेरी मेरी ये दूरी भी,किसी दिन पास लायेगी !
    भले ही आज दिन हो ,प्यार का सुनले मेरे साजन !
    हमारे प्यार की ताकत ,हर इक दिन प्यार लायेगी !

     

  • उसके आँगन मे बहे,शीतल मंद समीर !
    वो कितना धनवान है ,मै तो हुआ फकीर !!

    *शहरो का मौसम हुआ ,यारो अब बेकार !
    गाँवो का मौसम भला ,आनंद मिले अपार !!

 

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