छंद: कुण्डलिया
आया मोदी राज जब, सफल सार्थक यत्न.
मालवीय जी, श्री अटल, हैं अब भारत रत्न.
हैं अब भारत रत्न, उचित निर्णय यह भाई.
गर्वित भारत आज, सभी को बहुत बधाई.
अम्बरीष मन मुदित, हर्ष जन-जन में छाया.
किये कर्म निस्वार्थ, तभी यह शुभ दिन आया.
सच्चा सीधा न्याय हो, कितने हुए प्रयत्न.
सम्मानित सम्मान अब, होगा भारत रत्न.
होगा भारत रत्न, स्वयं में आज अलंकृत.
मन वीणा के तार, आज हैं सारे झंकृत.
नर-नारी आश्वस्त, झूमता बच्चा-बच्चा.
शुद्ध राम सा राज्य, न्याय नित होगा सच्चा..
--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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