Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अच्छा किया सरकार

 

मनहरण घनाक्षरी
(समसामयिक)

 

 


अच्छा किया सरकार, बंद पञ्च सौ हजार,
कैसे चले कारोबार, हमें भी बताइये.
कैश बिना कैशलेस, जीते जाते शेमलेस,
लोग हुए होपलेस, उन्हें समझाइये.
लुटें चाहे बार-बार, कार्ड स्वैप करें यार,
पेटीएम की बहार, खुश भी हो जाइये.
जनता पे धरें धार, दल दल से जो प्यार,
दे-दे छूट बेशुमार, गले लिपटाइये..

 

 

--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'.

 

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