अगड़े पिछड़े हो गये, जनमानस में शोर.
आरक्षण का दैत्य पर, ठहरा आदमखोर.
ठहरा आदमखोर, मिला शासन संरक्षण.
दे अयोग्य की फ़ौज, करे प्रतिभा का भक्षण.
'अम्बरीष', ले भीख हुए पिछड़े सब तगड़े.
ख़त्म करें यह खेल, धैर्य खोते अब अगड़े..
--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY