Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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अँग्रेजी नववर्ष की, बहुत बधाई मित्र

 

 

बाँटे मज़हब से गए, भारत पाकिस्तान.
हमको हिस्से में मिला, अपना हिन्दुस्तान.
अपना हिन्दुस्तान, जहाँ कुछ नेता रहते.
बना धर्मनिरपेक्ष, भ्रमित जन-जन को करते.
आरक्षण वह चाल, चुभाती प्रतिक्षण काँटे.
आदि सनातन धर्म, जोड़ दे, खुशियाँ बाँटे..

 

 

कहलाते हैं सेकुलर, नहीं धर्म का ज्ञान.
रहे सनातन किन्तु वे, करें धर्म अपमान..
करें धर्म अपमान, प्रगतिवादी धर चोला.
नाम धर्मनिरपेक्ष, स्वार्थ रूपी विष घोला.
अवसरवादी बंधु, नित्य पहचाने जाते.
कब सुधरेगें लोग? सेकुलर जो कहलाते..

 

 

जो भी मंदिर में गया. उसे डरा ही मान.
बाकी सब शमशेर हैं, कहते आमिर खान..
कहते आमिर खान, बैटरी जिसकी डाउन.
क्या बोलेगी मूर्ति, चला अब मैं तो टाउन.
पी के जो हैं टुन्न, करें अपमानित वो भी.
जगें सनातन आज, अभी, सोये हैं जो भी..

 

 

स्वागत है नववर्ष का, महके मादक इत्र.
अँग्रेजी नववर्ष की, बहुत बधाई मित्र.
बहुत बधाई मित्र, मस्त सब झूमें गायें.
लेकर लम्बे पैग, सुबह तक मौज मनायें.
नव संवत्सर शेष, अभी होली है आगत.
सनातनी शुचि नीति, रीति से होगा स्वागत..

 

 

 

--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

 

 

 

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