छंद 'कुण्डलिया'
बहना राखी बाँधती, भैया पढ़ता मंत्र,
राजा बलि रक्षा करें, बँधा लक्ष्मी यंत्र.
बँधा लक्ष्मी यंत्र, रोग ऋण दूर सभी हों,
बाह्य आंतरिक शत्रु, नष्ट हो दूर अभी हों.
भगिनी को सम्मान, सदा दें मानें कहना,
न्यौछावर हैं प्राण, देख हर्षित है बहना..
इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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