बी0 एस0 सी0 सेकंड ईयर में एक ही साथ अध्ययनरत सोनम और श्याम एक दूसरे को दिल दे बैठे। वर्ष भर दोनों एक साथ रहे , मौज मस्ती की व घूमे फिरे। भाग्यवश थर्ड ईयर की परीक्षा में श्याम 85 प्रतिशत अंकों के साथ प्रथम श्रेणी में व सोनम 48 प्रतिशत अंक पाकर द्वितीय श्रेणी में उत्तीर्ण हुई तथापि प्रसन्नता के अतिरेक में सोनम ने श्याम को बाँहों में भर लिया तब भावुकता में श्याम ने सोनम से कहा, "जानू सैटल होते ही हम इसी साल शादी कर लेगें "! यह सुनते अकस्मात् ही सोनम उससे दूर छिटककर अलग जा बोली , " मिस्टर श्याम तिवारी, एक साथ रहना तो अलग बात है किंतु तुम्हारे जैसे जनरल कैटेगरी वाले बन्दे से शादी करके मैं अपने होने वाले बच्चों का आरक्षित भविष्य हरगिज बर्बाद नहीं कर सकती क्योंकि मैं ओ0 बी0 सी0 कैटेगरी से हूँ, अतः शादी तो मैं वहीं करूंगी इसके लिए भले ही तुम पांच सौ के नोट पर लिख देना कि सोनम गुप्ता बेवफा है"।
-- इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
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