Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
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भारतमाता-गान

 

(श्रेणी : गीत)

 

 


शत-शत वंदन भारत माता धन्य हमारी माटी,

सदाचार ही बने आचरण ऐसी हो परिपाटी|

 

 


केरल तमिल चरण माता के सिंह हस्त गुजराती

वक्षस्थल उत्तर प्रदेश शुभ सब संतान अघाती

शीश हिमालय दिल्ली दिल ने द्वेष खाइयां पाटी

सदाचार ही बने आचरण ऐसी हो परिपाटी|

 

 


सिन्धु, नर्मदा, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, कावेरी,

गोदावरी व सरयू कृष्णा, सतलज सखियाँ तेरी

चरण वंदना सागर करता, शस्य-श्यामला घाटी,

सदाचार ही बने आचरण ऐसी हो परिपाटी|

 

 


भारतीय हों हम सब सारे काट जाति के बंधन,

एकेश्वर की नित्य प्रार्थना सहज करें अभिनन्दन,

मिल जुल कर सब रहें पड़ोसी सीख हमेशा बाँटी,

सदाचार ही बने आचरण ऐसी हो परिपाटी|

 

 


शत-शत वंदन भारत माता धन्य हमारी माटी||

(एकेश्वर- एक ईश्वर)

 

 

इं० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

 

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