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भूकंप का सामना कैसे करें?

 

 

(इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव)

 

भूकंप क्या है?


हमारी धरती की सतह या क्रष्ट विभिन्न स्थानों पर 5 कि०मी० से 70 कि०मी० तक मोटी है जो अनेक वर्गों में विभाजित है इन्हें टेक्टोनिक प्लेट्स कहा जाता है आमतौर पर ये प्लेट्स अपनी जगह से क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से हिलती रहती हैं किन्तु किसी फाल्ट के कारण जब ये अचानक ही बहुत अधिक हिल जाती हैं तब अत्यधिक मात्रा में उत्पन्न ऊर्जा से जनित तरंगों के परिणाम स्वरूप भूकंप आ जाता है. क्रष्ट के नीचे के हिस्से क्रमशः मैंटल, आउटर कोर व इनर कोर कहलाते हैं.

 

भूकम्प से प्राणियों की मृत्यु स्वतः नहीं होती अपितु अत्यंत तीव्रता के भूकम्प की ऊर्जा से उत्पन्न तेज कम्पनों से सभी भवन व अन्य वस्तुएं आदि हिलने लगती है जिससे वे चटककर व टूटकर धूलधूसरित हो जाती हैं परिणामतः उनसे चोट लगने व उनके नीचे दब जाने से लोग घायल हो जाते हैं. जिससे मृत्यु तक हो सकती है. इस अवधि में शार्ट सर्किट इत्यादि से आग भी लग सकती है तथा पानी के पाइप फटने से पानी भी भर सकता है तथापि भूकंप के सप्ताहों बाद भी भवनों के मलवे से स्त्री पुरुष व शिशु आदि जीवित अवस्था में निकाले गए हैं. अतः ऐसी स्थिति में घबराहट व संज्ञाशून्यता से अवश्य बचना ही चाहिए.

 

भूकंप का पूर्वाभास...
यदि कुछ स्थानों पर असमान्य रूप से पृथ्वी अचानक धँसने व फटने लगे व मिट्टी में पर्याप्त लम्बी व गहरी दरारें दिखाई देने लगें तो भी भूकंप की संभावना हो सकती है. भूकंप से कुछ समय पूर्व अधिकतर पशुओं यथा गाय भैंसों कुत्तों व पक्षियों आदि को भूकंप का पूर्वाभास हो जाता है परिणामतः वे असमान्य रूप से बेचैनीपूर्वक भागने व उड़ने लगते हैं यहाँ तक कि चूहे व सांप आदि भी भयभीत होकर अपने बिलों से बाहर की ओर भागने लगते है. ऐसी असहज स्थिति का अनुभव होते ही अति आवश्यक कागजातों आदि के साथ घर का गैस रेगुलेटर व् बिजली का मेन स्विच बंद करके सपरिवार भवनों से बाहर आ जाना चाहिए.

 

भूकंप से पहले ……
-भूकंप से बचाव एवं प्राथमिक उपचार के बारे में यथासंभव आवश्यक जानकारी व प्रशिक्षण लें!
-अपने वाहन के साथ-साथ अपने घर या कार्यालय में प्राथमिक उपचार किट अवश्य रखें!
-अपने घर या कार्यालय के आसपास के सुरक्षित स्थलों की पहचान कर उन्हें याद अवश्य रखें!
-अपने घर व कार्यालय में कम से कम एक पोर्टेबल रेडियो अवश्य रखें!
-अपने नए का मानचित्र बनवाने व निर्माण हेतु समय भूकम्परोधी निर्माण के विशेषज्ञ अभियंता या भूकंपरोधी निर्माण विशेषज्ञ वास्तुविद को ही प्राथमिकता दें !
- यदि आप पुराने भवन में निवास कर रहे हैं तो भूकम्परोधी निर्माण विशेषज्ञ अभियंता या भूकंपरोधी निर्माण विशेषज्ञ वास्तुविद के परामर्श से अपने घर को सुदृढ़ कर भूकंपरोधी अवश्य बनाएं!

 

भूकम्प के समय यदि आप भवन के अन्दर हैं.....
-सब कुछ हिलता डुलता देखकर घबरायें मत! अपितु विश्वास बनाए रखें कि आप अपने परिवार के साथ अवश्य ही जीवित रहेगें.
-यथाशीघ भवन से बाहर आने का प्रयास तो करें किन्तु इस प्रयास में सीढ़ियों व दरवाजों पर जाम मत लगाएं अन्यथा सभी व्यक्ति अन्दर ही जाम में फँस सकते हैं और भवन का कमजोर हिस्सा होने के कारण दरवाजे स्वयं में सुरक्षित नहीं हैं.
-लिफ्ट का प्रयोग मत करें अन्यथा फँस भी सकते हैं.
-यदि आपकी आँखों के सामने प्लास्टर ईंटें आदि सब कुछ टूट फूट रहा है तो अपने दोनों हाथों से अपने सिर व गर्दन को ढकते हुए किसी भी मजबूत मेज, कुर्सी या बेड आदि के नीचे अविलम्ब ही शरण ले लें ताकि आपके शरीर को कम से कम क्षति पहुँचे.
-इस अवधि में शीशेयुक्त दरवाजों खिडकियों व दर्पण तथा भारी व ऊँची वस्तुओं यथा फ्रिज व आलमारियों आदि से बचकर रहें क्योंकि आपको घायल करने के साथ-साथ वे आपके ऊपर गिर भी सकती हैं.

 

यदि आप भवन से बाहर हैं ….
-शीघ्र ही भागकर खुले स्थान पर चले जाएँ.
-बिजली के खम्भों, लटकते हुए छज्जों, चिमनियों, मोबाइल टावरों, ओवरब्रिज, पुल तथा होर्डिंग्स आदि जैसी भारी व ऊँची वस्तुओं से पर्याप्त दूरी बनाए रखें. व किसी भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त इमारत अथवा ढांचे से भी दूर ही रहें।
-अनावश्यक रूप से घबराकर गलियों में इधर उधर भागें नहीं अन्यथा गिरती हुई वस्तुओं से आपको चोट भी लग सकती है.
-यदि आप वाहन चला रहे हैं तो उसे सड़क के किनारे पार्क कर दें. व भूकंप के दौरान उससे बाहर मत आयें.

 

भूकंप आने के बाद...
-सर्वप्रथम स्वयं की जांच करें कहीं आप घायल तो नहीं हुए. यदि खून बह रहा है तो स्वविवेक से यथा रूमाल आदि बांधकर उसे रोकने का प्रयास करें! क्योंकि स्वयं की प्राथमिक चिकित्सा आपके जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है.
- यदि भूकंप के बाद आपका भवन पूरी तरह से सुरक्षित है तो आप अंदर ही रहें व रेडियो में दी जा रही जानकारी व परामर्श को ध्यानपूर्वक अवश्य सुनें।
- मोमबत्ती या लालटेन के स्थान पर टॉर्च इत्यादि का प्रयोग करें. व बिजली के टूटे हुए तारों से सावधान रहें।
- भूमि पर बिखरे हुए ज्वलनशील पदार्थों को तुरंत साफ कर लें।
-अवरुद्ध मार्गों आदि को यथासंभव खोलने / खाली करने का प्रयास करें ! ताकि सभी को इमरजेंसी सहायता निर्बाध रूप से अति शीघ्र ही प्राप्त हो सके !
-बिजली के समस्त उपकरणों को स्विच ऑफ़ कर दें व गैस आदि का रेगुलेटर बंद कर दें!
-अपने पैरों में जूते अवश्य पहने रहें ताकि आप के पांव सुरक्षित रह सकें!
-मुख्य भूकम्प के बाद आने वाले आफ्टरशॉक्स के लिए भी तैयार रहें! वे भी उतने ही या कुछ कम खतरनाक हो सकते हैं!

 

निम्नलिखित से भी बचें...
-अनावश्यक शोर मचाकर होश मत खोएं !
-अत्यधिक घायलों को अनावश्यक रूप से हिलाएं डुलायें मत. वरन चिकित्सकीय सहायता की प्रतीक्षा करें !
पानी बचाएं! उसे बर्बाद मत होने दें ! यह अग्निशन हेतु उपयोगी होगा|
-अफवाहों को फैलने मत दें ! क्योंकि इससे स्थिति और भी खराब हो सकती है !

 

भूकंप से बचाव का उपाय:
-भूकम्परोधी निर्माण को अपनाकर ही संभावित क्षति को न्यूनतम किया जा सकता है.

भूकंपरोधी निर्माण की छंदबद्ध जानकारी....

 

गहरी हो चार फीट नीव यदि मंजिल दो,
बीम बाँधे नीव सारी, ध्यान देना चाहिए.
आर० सी० सी० बैंड बांधे कुर्सी व लिटल को,
दो दो सरिया कोनों पे, तान देना चाहिए.
चार चार इंच दूरी, कुंडे मुड़े रिंग के हो,
अभियंता को सदैव, मान देना चाहिए.
मौरंग ही अपनाएँ, गुणवत्ता रहे मित्र,
सब को भूकंपरोधी, ज्ञान देना चाहिए..

 

आकृति, सही आकार, ज्यामिति भली प्रकार.
भवन भूकंपरोधी, बने फ़न चाहिए.
कोनों से हटा दें द्वार, खिड़की भी दें सुधार.
लिंटल हो आर-पार, संतुलन चाहिए.
स्लैब कुछ मजबूत, बीम बस मजबूत,
खम्भे दृढ मजबूत, ऐसा तन चाहिए.
धरें गणना से धार, परीक्षित बार-बार,
यही अभिकल्प सार, उन्नयन चाहिए..

 

उपयोगी सुझाव....

 

आर्कीटेक्ट जोरदार, ठेकेदार दमदार,
अच्छे रखें किरदार, जिनमें ईमान है |
थोड़ा सा ही अंतर है, लगता है माल वही,
अच्छी नई तकनीक, भवन की जान है |
मत घबराएं कभी, बहका कोई न पाए,
वाल होगी नौ-नौ इंची, यही फरमान है |
माल अच्छा ही लगाएं, मजबूत देश बने,
भवन भूकंपरोधी, तो ही कल्याण है ||

 

विनम्र श्रद्धांजलि.........
आई कैसी आपदा, भूकम्पित नेपाल.
बहुतेरे कवलित हुए, गए काल के गाल.
गए काल के गाल, उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित.
छंद सुमन निज नैन, अश्रु भर उन्हें समर्पित.
हुई बहुत जन हानि, नहीं सम्भव भरपाई.
जीवित हैं जो बंधु, त्वरित राहत दें भाई.,

 

प्रस्तुति--इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

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