Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

चल बसा निर्दोष घायल चीख कातर सह गयी

 

चल बसा निर्दोष घायल चीख कातर सह गयी.
खून सड़कों पर बहा जब मौत खुलकर कह गयी.
मज़हबी उन्माद घातक लोग डर-डर जी रहे,
एकता आतंक का पर्याय बनकर रह गयी..

 

 

इंजी० अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'

 

LEAVE A REPLY
हर उत्सव के अवसर पर उपयुक्त रचनाएँ