Swargvibha
Dr. Srimati Tara Singh
Administrator

“छाँव आने को है”

 


आ गयी ताजगी दिल लुभाने को है.
राह देखे मगन पी मनाने को है.
खोल लें खिड़कियाँ आज मन की सभी
धूप जाने को है छाँव आने को है..

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