इंजी. अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
7 घंटे ·
एक मुक्तक
सभी को स्नेह दे सींचे उदारित कर्म है इसका।
समाहित पंथ बहुतेरे ममत्वी मर्म है इसका।
गये मज़हब से बाँटे जब बने तब पाक, हिन्दुस्तां,
ये हिन्दुस्तान हिन्दी का, सनातन धर्म है इसका।।
--इंजी0 अम्बरीष श्रीवास्तव 'अम्बर'
Powered by Froala Editor
LEAVE A REPLY